History of Gwalior Fort: ग्वालियर किले का इतिहास जानने के बाद आपके पैरों तले से जमीन खिसक जाएगी।

Manchala Man
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History of Gwalior Fort: ग्वालियर किला, मध्य प्रदेश के मशहूर इतिहासी स्थलों में से एक है। यह एक प्राचीन किला है जो महाराष्ट्र की सीमा के पास स्थित है। ग्वालियर किला को उसकी आधुनिक वास्तुकला, शानदार ऐतिहासिक महत्व, और प्राचीन संस्कृति के प्रति समर्पितता के लिए प्रसिद्धा प्राप्त है। गोपाचल पहाड़ी की चोटी पर जमीन से 300 फीट ऊपर खड़े किले की अधिकांश दीवार चट्टान की है और इसके किनारे गहरी घाटियाँ हैं। पहाड़ी की चोटी पर किले की यह रणनीतिक स्थिति नीचे के ग्वालियर शहर पर नज़र रखने और आने वाले किसी भी दुश्मन के हमले पर नज़र रखने में मदद करती है।

ग्वालियर किला

History of Gwalior Fort: ग्वालियर किले का निर्माण तीसरी शताब्दी में हुआ था, जब राजपूत योद्धा सूरज सेन ने इसे बनवाया था। ग्वालियर किला को ऋषि ग्वालिपा के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने राजा सूरज सेन को कुष्ठ रोग से उपचार किया था। इस किले का निर्माण चारों ओर से बने पहाड़ों पर किया गया है, जिससे यह अत्यंत सुरक्षित था। इसकी दीवारें भव्यता और शक्ति का प्रतीक हैं। ग्वालियर किला का इतिहास बहुत ही गौरवमय है। इसे विभिन्न साम्राज्यों ने आक्रमण किया और शासन किया। तोमर राजवंश के समय में यह किला बहुत ही समृद्ध और शानदार था। मुगल साम्राज्य के बाद, मराठे और सिंधियों ने इसे अपनाया। 1857 की भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय, ग्वालियर किले पर बहादुर रानी लक्ष्मीबाई के नेतृत्व में आन्दोलन हुआ था। आज, ग्वालियर किला एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहाँ पर आप महल, मंदिर, प्रवेश द्वार, और विभिन्न ऐतिहासिक स्मारक देख सकते हैं। इसकी यात्रा भारतीय इतिहास और संस्कृति को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।

History of Gwalior Fort:

किले का पहला उल्लेख 525 ईसा पूर्व के एक मंदिर शिलालेख में है, जो इसकी अत्यधिक प्राचीनता को दर्शाता है। ग्वालियर किला ने उत्तरी भारत के मैदानी इलाकों के मुख्य मार्ग की रक्षा में सामरिक महत्व निभाया। 1232 तक, यह किला हिंदू शासकों के अधीन था, और फिर 1751 तक मुस्लिम और हिंदू शासकों के बीच कई बार हाथ बदलता रहा। इसके बाद, यह मराठा गढ़ बन गया, लेकिन 1780, 1843, और 1858 में इस पर अंग्रेजों ने कब्जा किया। झाँसी शहर पर ब्रिटिश शासन को स्थापित करने के बदले में, 1886 में अंग्रेजों ने इसे खाली कर दिया।

History of Gwalior locationGwalior, Madhya Pradesh
Timings7:00 AM to 5:30 PM
Entry FeeFor Indians: INR 75 per person, For Foreigners: INR 250 per person

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