मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित राम घाट, उत्तर प्रदेश का एक अद्वितीय धार्मिक स्थल है जो पौराणिक और धार्मिक महत्व के साथ संपन्न है। इस गाट का एक विशेषता यह है कि यह माना जाता है कि यहां भगवान राम, सीता, और लक्ष्मण ने संत गोस्वामी तुलसीदास के साथ महत्वपूर्ण बातचीत की थी और यहां हिन्दू धर्म के पौराणिक काव्य महाकाव्य “रामायण” के अनुसार भगवान राम ने अपने बानवास के दौरान विराजमान थे।
धार्मिक स्थल की शांति: राम घाट प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा हुआ है और इसका एक विशेष वातावरण है जो यात्रीगण को शांति का अहसास कराता है। यहां आने वाले लोग नौकायन का आनंद ले सकते हैं और इसे नदी की ओर बढ़ने वाली सीढ़ियों से देख सकते हैं।
पौराणिक गहना: राम घाट को पौराणिक कथाओं में गहना माना जाता है, जहां भगवान राम ने अपने विशेष समय में संत तुलसीदास से मिलकर धार्मिक विचारों को साझा किया था।
हनुमान का आशीर्वाद: घाट पर एक ओजस्वी हनुमान की मूर्ति खड़ी है, जो यहां आने वाले सभी यात्रीगण को आशीर्वाद देती हैं। इसके आस-पास कई बेंचें हैं, जिन पर आप बैठकर नदी का शांतिपूर्ण दृश्य देख सकते हैं।
अनुभवी यात्रा: राम घाट आने वाले यात्रीगण को एक विशेष अनुभव प्रदान करता है जहां वे धार्मिकता और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं। यह यात्रा को एक अद्वितीय चरित्र देता है जो विश्वास की ऊँचाइयों को छूने का अवसर प्रदान करता है।