घने जंगल की गहराइयों में, खटिया के पास, एक रहस्यमय और आश्चर्यजनक स्थान है – बृहस्पति कुंड, जिसे पहाड़ी खेरा गांव (कालिंजर फ़ोर्ट के पास) पन्ना जिला में पाया जाता है। इस अद्वितीय जलप्रपात को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं, और इसका दृश्य उतना ही खतरनाक है जितना कि इसके पहुंचने का मार्ग।
इस वाटर फॉल को देखने के लिए, पहाड़ों और घाटियों के संकीर्ण रास्तों से आगे बढ़ना होता है, जो यात्री को एक अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य से गुजरने का अनुभव कराते हैं। ब्रिहस्पति कुंड के पास पहुंचना एक साहसिक प्रयास है, लेकिन वहां पहुंचने पर दर्शकों को एक निराधार और शांतिपूर्ण दुनिया का अनुभव होता है।
इस स्थान पर कई प्राचीन मंदिर हैं, जिन्हें देखकर यात्री भगवान की कृपा और महिमा का अनुभव कर सकते हैं। बरसात के मौसम में यहां का नजारा खतरनाक हो जाता है, लेकिन बता दें कि बृहस्पति कुंड के झरने का स्तर ऊंचा होने के कारण यहां जाना काफी जोखिम भरा हो सकता है। पानी गिरने से पत्थरों पर फिसलने की संभावना रहती है, जिससे दुर्घटनाएं हो सकती हैं कहा जाता है कि त्रेता युग में इसी स्थान से भगवान राम ने ऋषि मुनियो से मिलने के लिए से मिलने के लिए आये थे, जिससे यह धार्मिक रूप से एक और महत्वपूर्ण स्थल बन गया। बृहस्पति कुंड का दृश्य बेहद खूबसूरत और अनोखा है, जो इसे एक प्राकृतिक रहस्यमय स्थान माना जाता है।
ऊंची पहाड़ियों से घिरा बृहस्पति कुंड, जिसकी ऊंचाई 600 फीट है, यहां यात्री को कई गुफाएं और प्राचीन कलाकृतियां देखने को मिलती है इस अनोखे स्थल तक पहुंचने के लिए यात्रियों को बड़े-बड़े पत्थरों की चुनौती का सामना करना पड़ता है, जिनसे गुजरकर उन्हें अपनी मंजिल तक पहुंचना पड़ता है। इन पत्थरों की मजबूती से उभरते हुए, यात्री बृहस्पति कुंड की ऊंचाई और इसके आसपास की प्राकृतिक सुंदरता से प्रभावित होते हैं इस स्थान पर छोटे-बड़े झरने हैं, जो अपनी अपार सुंदरता से हर दर्शक का मन मोह लेते हैं। बर्फीली पहाड़ियों से गिरती पानी की धारा को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं, जो यहां पिकनिक मनाने और फोटोग्राफी और रील बनाने आते हैं।