मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी और चिड़ियाघर: एक प्राकृतिक सौंदर्य स्थल

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मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी और चिड़ियाघर रीवा संभाग के सतना जिले के मुकुंदपुर में स्थित है। महाराजा मार्तंड सिंह के नाम से बनाया गया है चिड़ियाघर का मुख्य आकर्षण व्हाइट टाइगर सफारी है जिसमें लोगों को प्रतिष्ठित सफेद बाघों को देखने का मौका मिलता है। सफेद बाघ के साथ-साथ चिड़ियाघर के परिसर में 40 विभिन्न लुप्तप्राय प्रजातियाँ और 60 से अधिक गैर-लुप्तप्राय प्रजातियाँ भी हैं।
मुकुंदपुर चिड़ियाघर का क्षेत्रफल 100 हेक्टेयर है जिसमें से चिड़ियाघर 75 हेक्टेयर में है। और सफारी 25 हेक्टेयर में है यहाँ पर अनेक प्रकार के जानवर देखने को मिलते है जैसे दो सफेद बाघों के साथ ही यहां आपको पीले बाघ, बब्बर शेर के जोड़े भी दिखेंगे, जो बाहर बाड़े में छोड़े गए हैं. इसके अलावा यहां तेंदुआ, भालू समेत बिल्लियों की कई प्रजातियां मौजूद हैं, ये सभी जानवर tourists के लिए आकर्षण का केंद्र हैं मुकुंदपुर चिड़ियाघर की स्थापना जून 2015 में हुई थी और इसे अप्रैल 2016 में जनता के लिए खोल दिया गया था। रीवा से मुकुंदपुर की दुरी (18 km) है और सतना से मुकुंदपुर (51.8 km) है

सफेद बाघ ( White tiger history )

सफेद बाघ को महाराजा मार्तण्ड सिंह ने 27 मई 1951 को सीधी जिले के पनखोरा गांव के नजदीक जंगल में पकड़ा था। इस टाइगर को मोहन नाम दिया गया मोहन को गोविंदगढ़ किले में रखा गया था ये भारत का पहला वाइट टाइगर था जो मध्य प्रदेश के सीधी जिले के पनखोरा गांव के नजदीक जंगल में देखा गया और पकड़ा भी गया।

प्राकृतिक सुंदरता ( Natural beauty )

मुकुंदपुर का प्राकृतिक सौन्दर्य उत्कृष्ट है, यह चारों ओर से वनों से घिरा हुआ है। यहां पहाड़ और कई अद्भुत झरने देखे जा सकते हैं। शनिवार और रविवार को यहां बड़ी संख्या में पर्यटक पिकनिक मनाने आते हैं। मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी का भी आनंद उठते है।

बाघों सहित अनगिनत जीवन रूपियाँ ( Many animals )

सफेद बाघ के साथ-साथ चिड़ियाघर के परिसर में 40 विभिन्न लुप्तप्राय प्रजातियाँ और 60 से अधिक गैर-लुप्तप्राय प्रजातियाँ भी हैं।
मुकुंदपुर चिड़ियाघर का क्षेत्रफल 100 हेक्टेयर है जिसमें से चिड़ियाघर 75 हेक्टेयर में है। और सफारी 25 हेक्टेयर में है यहाँ पर अनेक प्रकार के जानवर देखने को मिलते है जैसे दो सफेद बाघों के साथ ही यहां आपको पीले बाघ, बब्बर शेर के जोड़े भी दिखेंगे, जो बाहर बाड़े में छोड़े गए हैं. इसके अलावा यहां तेंदुआ, भालू समेत बिल्लियों की कई प्रजातियां मौजूद हैं, ये सभी जानवर tourists के लिए आकर्षण का केंद्र हैं

Opening And closing time
DateTime
1 नवंबर से 31 मार्च तक1 अप्रैल से 31 अक्टूबर तक
सुबह 9:30 बजे से शाम 4:30 बजे तकसुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक
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